नई दिल्ली: देश के करोड़ों किसानों को खेती से जुड़े कामों के लिए लोन (Loan) की जरूरत पड़ ही जाती है। ऐसे में बहुत से किसान अपने गांव-कस्बे के साहूकार से लोन ले लेते हैं। यह लोन काफी महंगा होता है। इस लोन के लिए साहूकार के पास कुछ गिरवी रखना होता है। लोन पर ब्याज (Interest Rates on Loan) इतना अधिक होता है कि लोन को चुकाते-चुकाते किसान के पसीने निकल जाते हैं। वहीं, अगर किसान बैंक से पर्सनल लोन लें, तो वह भी उच्च ब्याज दर के साथ आता है। किसानों को लोन के बोझ से बचाने के लिए केंद्र व राज्य सरकारें कई योनजाएं लेकर आई हैं। इनमें किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) एक लोकप्रिय स्कीम है। आज हम बात करेंगे राजस्थान सरकार की ब्याज अनुदान योजना के बारे में। आइए जानते हैं कि इस योजना में किसानों के लिए क्या खास है।
समय पर लोन चुकाने वालों को सब्सिडी
सरकार की ओर से सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को कम ब्याज दर पर शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म के लिए लोन प्रदान किए जाते हैं। कई किसान समय पर लोन चुका देते हैं और कई किसान किसी कारणवश समय पर लोन नहीं चुका पाते हैं। जो किसान समय पर लोन चुका देते हैं, ऐसे किसानों के लिए राजस्थान सरकार ब्याज अनुदान योजना (Byaj Anudan Yojana) लेकर आई है। इस योजना के तहत राज्य सरकार की ओर से किसानों द्वारा लिए गए लोन पर अदा किए जाने वाले ब्याज में 5 फीसद की सब्सिडी दी जा रही है। अब समय पर लोन चुकाने वाले किसानों को इस छूट का लाभ मिल रहा है। बता दें कि यह ब्याज सब्सिडी या छूट केवल दीर्घकालीन लोन के लिए ही दी जाएगी।
इन लोन्स पर भी दिया जा रहा 5 फीसद का ब्याज अनुदान
राजस्थान के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बताया कि सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2014-15 से राजस्थान में किसानों के लिए प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों (Primary Co-operative Land Development Banks) के माध्यम से वितरित दीर्घकालीन कृषि लोन (long term agriculture loan) पर 5 फीसद का ब्याज अनुदान दिया जा रहा है। आंजना ने बताया कि इस योजना में उन्नत किस्म के पशु खरीदने के लिए विभिन्न लोन जैसे- डेयरी लोन, भेड, बकरी पालन का लोन आदि लोन शामिल हैं। मंत्री ने बताया कि इन लोन्स पर भी राज्य सरकार द्वारा ब्याज दर में 5 फीसद का ब्याज अनुदान दिया जा रहा है। योजना के तहत दीर्घकालीन कृषि लोन की किस्तों को समय पर चुकाने वाले किसानों को ब्याज दर में 5 फीसद की सब्सिडी दी जा रही है।
समय पर लोन चुकाने वालों को सब्सिडी
सरकार की ओर से सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को कम ब्याज दर पर शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म के लिए लोन प्रदान किए जाते हैं। कई किसान समय पर लोन चुका देते हैं और कई किसान किसी कारणवश समय पर लोन नहीं चुका पाते हैं। जो किसान समय पर लोन चुका देते हैं, ऐसे किसानों के लिए राजस्थान सरकार ब्याज अनुदान योजना (Byaj Anudan Yojana) लेकर आई है। इस योजना के तहत राज्य सरकार की ओर से किसानों द्वारा लिए गए लोन पर अदा किए जाने वाले ब्याज में 5 फीसद की सब्सिडी दी जा रही है। अब समय पर लोन चुकाने वाले किसानों को इस छूट का लाभ मिल रहा है। बता दें कि यह ब्याज सब्सिडी या छूट केवल दीर्घकालीन लोन के लिए ही दी जाएगी।
इन लोन्स पर भी दिया जा रहा 5 फीसद का ब्याज अनुदान
राजस्थान के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बताया कि सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2014-15 से राजस्थान में किसानों के लिए प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों (Primary Co-operative Land Development Banks) के माध्यम से वितरित दीर्घकालीन कृषि लोन (long term agriculture loan) पर 5 फीसद का ब्याज अनुदान दिया जा रहा है। आंजना ने बताया कि इस योजना में उन्नत किस्म के पशु खरीदने के लिए विभिन्न लोन जैसे- डेयरी लोन, भेड, बकरी पालन का लोन आदि लोन शामिल हैं। मंत्री ने बताया कि इन लोन्स पर भी राज्य सरकार द्वारा ब्याज दर में 5 फीसद का ब्याज अनुदान दिया जा रहा है। योजना के तहत दीर्घकालीन कृषि लोन की किस्तों को समय पर चुकाने वाले किसानों को ब्याज दर में 5 फीसद की सब्सिडी दी जा रही है।
दो तरह के लोन
खेती से जुड़े कामों के लिए किसानों को लोन लेने की जरूरत होती है। सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को लोन दिया जा रहा है। ये लोन दो प्रकार के होते हैं। पहला अल्पकालीन फसली लोन और दूसरा दीर्घकालीन कृषि लोन। अल्पकालीन लोन 6 महीने से 15 महीनों के लिए दिया जाता है। इनका भुगतान आमतौर पर फसल कटने के बाद कर दिया जाता है। जबकि दीर्घकालीन लोन 5 वर्ष से अधिक की अवधि के लिए दिए जाते हैं। अल्पकालीन फसली लोन खरीफ या रबी फसलों के लिए कृषि आदानों (खाद, बीज) के लिए लिया जाता है और दीर्घकालीन कृषि लोन कृषि संसाधनों जैसे नलकूप, डेयरी, भूमि सुधार, ट्रैक्टर, सिंचाई यंत्र आदि कार्यों के लिए लेते हैं।