सॉवरेन गोल्ड बांड में निवेश कर कमा सकते हैं बढ़िया रिटर्न, जानिए क्या हैं इस स्कीम के नियम

सरकारी योजना


नई दिल्ली: सोने (Gold) में निवेश करने पर लोगों को लाभ देने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना (Sovereign Gold Bond Scheme) की शुरुआत की गयी है। इस योजना के तहत लोग गोल्ड में अपना पैसा निवेश कर अधिक लाभ ले सकते हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की किस्त समय-समय पर एक निश्चित अवधि के लिए खुली रहती है। इस योजना के तहत, RBI द्वारा भारत सरकार के परामर्श से इश्यू को अलग-अलग चरणों में सब्सक्रिप्शन के लिए खुला रखा जाता है। RBI समय-समय पर योजना के नियमों और शर्तों को अधिसूचित करता है।

गोल्ड कमोडिटी में निवेश करने वालों के लिए सरकारी स्कीम सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड योजना सबसे बेहतर माध्यमों में से एक है। लेकिन, ऐसा भी देखने को मिलता है कि लोग कम जानकारी के चलते इस सरकारी योजना में निवेश नहीं कर पाते हैं। वैकल्पिक वित्तीय संपत्ति विकसित करने और भौतिक सोने की खरीद या उसे रखने के विकल्प के रूप में, भारत सरकार द्वारा 5 नवंबर 2015 को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना को अधिसूचित किया गया था। गोल्ड बॉन्ड रिजर्व बैंक द्वारा भारत सरकार की ओर से जारी किए जाते हैं, और इसकी एक सरकारी गारंटी होती है। अभी तक गोल्ड बॉन्ड की आठ किस्त जारी हो चुकीं हैं। लोगों को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना के जरिए सोना खरीदने के तरीके और इसके फायदों के बारे में भी पता होता है।
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सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को RBI द्वारा जारी किया जाता है, जिस वजह से उनकी सॉवरेन गारंटी होती है। इन गोल्ड बॉन्ड की कीमत 999 शुद्धता वाले सोने की कीमत से भी लिंक्ड होती है। इसके अलावा इस योजना का एक लाभ यह भी है कि, इसमें शुरुआती निवेश की राशि पर सालाना 2.50 फीसद की एक निश्चित ब्याज दर प्राप्त होती है। इस ब्याज को निवेशक के बैंक खाते में छमाही आधार पर जमा किया जाता है।

गोल्ड बांड बैंकों (छोटे वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बीएसई के जरिए खरीदे जा सकते हैं। इस योजना के जरिए कम से कम 1 ग्राम और अधिकतम 4 किलो तक सोना खरीद सकते हैं। एचयूएफ और ट्रस्ट के लिए अधिकतम सीमा 20 किलोग्राम है। RBI के निर्देशों के अनुसार “प्रत्येक आवेदन के साथ आयकर विभाग द्वारा निवेशक को जारी किया गया ‘पैन नंबर’ होना चाहिए, क्योंकि निवेश के लिए पहले / एकमात्र आवेदक का पैन नंबर अनिवार्य है। भारत का कोई भी निवासी व्यक्ति और, हिंदू अविभाजित परिवार, ट्रस्ट, विश्वविद्यालय और धर्मार्थ संस्थान सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना में निवेश करने के योग्य हैं। गोल्ड बांड की अवधि 8 साल की समय सीमा के लिए है साथ ही आपको इसमें 5वें वर्ष के बाद अगले ब्याज भुगतान तारीखों पर बाहर निकलने का विकल्प भी मिलता है।

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