मध्य प्रदेश के किसानों को कृषि उपज का सही उचित मूल्य प्रदान करने के लिए राज्य शासन के द्वारा पायलट आधार पर खरीफ, रबी तथा मोटे अनाज के लिए भावांतर भुगतान योजना मध्य प्रदेश शुरू की गयी है। किसान के द्वारा अधिसूचित कृषि उपज मंडी समिति में फसल बेचने पर राज्य शासन द्वारा विहित प्रक्रिया अपनाकर न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा घोषित मंडियों की मॉडल विक्रय दर के अंतर की राशि को भावान्तर भुगतान योजना के अंतर्गत किसान के बैंक खाते में राशि जमा की जाती है। घोषित भावांतर मॉडल विक्रय दर के अंतर की राशि को भावांतर योजना मध्य प्रदेश के अंतर्गत किसान को प्रदान की जाती है। खरीफ फसल की योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा उपरान्त रबी फसल तथा मोटे अनाज फसल में फसल चक्र को योजना में शामिल किया गया है। भावांतर योजना अंतर्गत किसानों के लिए ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन किया जाता है। भावान्तर भुगतान योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु किसान द्वारा प्राथमिक कृषि सहकारी समितियाँ (जो गेहूँ तथा धान का ई-उपार्जन करती है) में जाकर पंजीयन कराना होगा।
भावांतर भुगतान योजना मध्य प्रदेश का उद्देश्य किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उपज प्राप्ति को सुनिश्चित करना है। साथ ही मंडी दरों में गिरावट से किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान करना और दलहन तथा तिलहन फसलों के उत्पादन का बढ़ावा देना है। सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उपज खरीदने तथा उसके निपटान में आने वाली हानियों से बचाना भी एक उद्देश्य है।
भावांतर भुगतान योजना मध्य प्रदेश के तहत लाभ लेने के लिए कृषक का राज्य के मूल निवासी होने के साथ पंजीयन भावांतर भुगतान योजना के पोर्टल पर दर्ज होना अनिवार्य है। कृषि उत्पाद प्रदेश में ही उत्पादित होना चाहिए और योजना का लाभ अधिसूचित मंडी परिसर में विक्रय अवधि में ही देय होगा। योजना का लाभ जिले में फसल कटाई पर आधारित औसत उत्पादकता के आधार पर उत्पादन की सीमा तक ही देय होगा। भावान्तर भुगतान योजना के पोर्टल पर कृषक द्वारा प्रतिवर्ष सितम्बर से अक्टूबर तक दर्ज कराई गई फसलों की जानकारी तथा ई-उपार्जन में धान, ज्वार, बाजरा की एकजाई जानकारी कृषक वार राजस्व विभाग को प्राप्त हो सकेगी। राजस्व विभाग द्वारा कितनी भूमि पर कौन-सी फसल बोई गई है का कलेक्टर द्वारा राजस्व अमले से भौतिक सत्यापन कराया जावेगा। राज्य शासन के द्वारा योजना का लाभ प्रदान करने हेतु प्रदेश की अधिसूचित कृषि उपज मंडी समितियों के प्रांगणों में चयनित फसलों का विक्रय अवधि में विक्रय किए जाने पर ही योजना में लाभ देय होगा। भावांतर भुगतान योजना के पोर्टल पर पंजीयन कराने पर प्राप्त पंजीयन क्रमांक कृषि उपज मण्डी समिति में विक्रय के समय उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।
इस भावांतर भुगतान योजना मध्य प्रदेश के तहत लाभ लेने के लिए आवेदक किसान के पास जरुरी दस्तावेजों के रूप में ई–उपर्जन का पंजीयन, आधार कार्ड की प्रति, मोबाइल नंबर, बैंक खाता, अन्य मंडी के दस्तावेज आदि की आवश्यकता होगी।
भावांतर भुगतान योजना मध्य प्रदेश का लाभ लेने के लिए आवेदक को आधिकारिक पोर्टल पर http://mpeuparjan.nic.in/mpeuparjan/Home.aspx ई-उपार्जन पंजीयन करना होगा। पोर्टल पर किसान पंजीयन/आवेदन सर्च पर क्लिक करें और अपना जिला चुने, इसके बाद अपना मोबाइल नंबर या समग्र आइडी क्रमांक और कैप्चा कोड डाल कर सर्च पर क्लिक करें। वहाँ सभी जानकारी दिख जाएगी। इसके बाद पंजीयन ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन कर सकते है। लाभ लेने वाले कृषक अधिकृत प्राथमिक कृषि सहकारी साख समिति में संपर्क कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।